ज़ुल्फ़ें भी सुना है कि संवारा नहीं करते,
खरीद लाये थे कुछ सवालों का जवाब ढूढ़ने।
मैंने माना कि नुकसान देह है ये सिगरेट...
जो सूख जाये दरिया तो फिर प्यास भी न रहे,
मैं धीरे-धीरे उनका दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ,
वो आँखें कितनी क़ातिल हैं वो चेहरा कैसा लगता है।
क़यामत देखनी हो अगर चले जाना किसी महफ़िल में,
बिछड़ के तुझसे हर रास्ता सुनसान रहता है,
तुमको याद रखने में मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ,
बिछड़ के मुझ से वो दो दिन उदास भी न रहे।
मुझे छोड़ने का फैसला तो वो हर रोज करता quotesorshayari है,
बेचैन दिल को सुकूं की तलाश में दर-ब-दर तो न कर,
मैं जागता हूँ तेरा ख़्वाब देखने के लिए।
मगर उसका बस नहीं चलता मेरी वफ़ा के सामने।