ज़ुल्फ़ें भी सुना है कि संवारा नहीं करते,
एक तो हुस्न कयामत उसपे होठों का लाल होना।
झुकाकर पलकें शायद कोई इकरार किया उसने,
मैंने कहा, नहीं दिल में एक बेवफा की तस्वीर बसी है,
रास्ते पर तो खड़ा हूँ पर चलना भूल गया हूँ।
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले,
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं,
जो मेरा हो नहीं पाया, quotesorshayari वो तेरा हो नहीं सकता।
सुना है कि महफ़िल में वो बेनकाब आते हैं।
वो किताबें भी जवाब माँगती हैं जिन्हें हम,
हुजूर लाज़िमी है महफिलों में बवाल होना,
जर्रे-जर्रे में वो है और कतरे-कतरे में तुम।
खुदा की तरह चाहने लगे थे उस यार को, वो भी खुदा की तरह हर एक का निकला।
रहा मैं वक़्त के भरोसे और वक़्त बदलता रहा,